पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री रहते आजम खान के भ्रष्टाचार में पूरी मदद की : डाॅ. चन्द्रमोहन

लखनऊ (02 अगस्त, 2019)
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. चन्द्रमोहन ने पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि रामपुर से सांसद आजम खान के भ्रष्टाचार और आपराधिक कृत्यों को छिपाने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) धरना-प्रदर्शन कर महौल खराब करने की कोशिश कर रही है। रामपुर में गरीब किसानों की जमीन पर कब्जा करने वाले आजम खान के प्रति जनता में जरा भी सहानुभूति नहीं है। यही वजह है कि एक अगस्त को रामपुर में आजम खान के समर्थन में सपा का प्रदर्शन पूरी तरह से न केवल फ्लाप रहा बल्कि इससे आम जनता में भी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ भी भयंकर आक्रोश है।

प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. चन्द्रमोहन ने कहा कि आजम खान के भ्रष्टाचार में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते इनकी पूरी मदद की थी। पूर्ववर्ती सपा सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का संरक्षण पाते ही पूरी सीनाजोरी से रामपुर में जमीनों की चोरी की। आजम और अखिलेश यादव की जुगलबंदी चोर-चोर मौसेरे भाई वाली कहावत साबित कर रही है। भ्रष्टाचार और जमीनों पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ जीरों टालरेंस की नीति पर चल रही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने आजम खान का असली चेहरा जनता के सामने ला दिया है।

प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि आजम खान ने “मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय” के लिए न केवल गरीबों की जमीन हथियाई बल्कि इसके निर्माण में आम जनता का पैसा भी पानी की तरह बहाया। गरीबों की जमीन पर कब्जा, शत्रु संपत्ति पर कब्जा, नदी जमीन पर कब्जा करने वाले आजम खान एक जूनूनी भूमाफिया हैं जिन्होंने रामपुर की सभी प्राचीन धरोहरों को नष्ट करके उनपर अपने कथित जौहर ट्रस्ट का कब्जा कर लिया है। आजम खान की नजर रामपुर की हर पुरानी इमारत पर है और एक-एक करके उन्होंने करीब सभी प्राचीन संस्थाओं पर नियमविरुद्ध कब्जा कर उसे अपने जौहर ट्रस्ट को सौंप दिया है। जिस प्रकार कथित तौर पर जौहर विश्वविद्यालय का खुद चांसलर बनकर आजम खान ने अपने बेटे अब्दुल्ला आजम को इसका सीईओ बनाया है उससे साफ जाहिर होता है कि जौहर विश्वविद्यालय की स्थापना एक बहुत बड़े संस्थागत भ्रष्टाचार को मूर्त रूप देने के लिए की गई है।

प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. चन्द्रमोहन ने कहा कि इसी भ्रष्टाचार के तहत मदरसा आलिया की लाइब्रेसी से बहुमूल्य किताबों को चुराकर जौहर विश्वविद्यालय ले आया गया। अभी तक यह नहीं स्पष्ट हो पाया है कि आजम के इस कथित विश्वविद्यालय में कौन लोग पढ़ने आते हैं? उन्हें कौन पढ़ाता है? आम जनता की गाढ़ी कमाई को अपने निजी विश्वविद्यालय में लुटाने का पूरा हिसाब प्रदेश की जनोन्मुखी भाजपा सरकार लेकर ही रहेगी। यूपी में सुशासन की राह पकड़ चुकी योगी सरकार भ्रष्टाचारियों और गुंडों की कमर तोड़ने के लिए हर संभव कार्रवाई करने को तैयार है। पिछली सपा और बसपा की सरकारों में रहा अपराधियों का स्वर्णिम काल अब भाजपा सरकार में दुर्दिन काल में बदल चुका है।

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