UPCM मंत्रिमंडल के स्वास्थ्य मंत्री ने ‘संचारी रोग नियंत्रण अभियान’ विषय पर आयोजित कार्यशाला में भाग लिया

लखनऊ (14 जून, 2019)।
UPCM
मंत्रिमंडल के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय और पाथ संस्था के संयुक्त तत्वाधान में गोमती नगर स्थित होटल लीनेज में संचारी रोग नियंत्रण अभियान विषय पर आयोजित कार्यशाला में भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का मुख्य केंद्र बिंदु संचारी रोगों के कारण, रोकथाम एवं निवारण पर था। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि UPCM संचारी रोगों की रोकथाम के प्रेरणाश्रोत रहे हैं और उनके नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य विभागों के संयुक्त प्रयासों से संचारी रोगों के आंकड़ों में बहुत गिरावट आई है। इसके अलावा इनकी रोकथाम में सीएसआर के अंतर्गत भी काफी सहयोग मिला है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से पूर्वांचल में इन्सेफ्लाइटिस रोग को काफी हद तक नियंत्रित करने में सफलता मिली है। इन्सेफ्लाइटिस पर नियंत्रण मात्र एक संस्थान की सफलता नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में अंतर विभागीय प्रयासों का ही परिणाम है। उन्होंने संचारी रोगों की रोकथाम में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े 11 विभागों के समक्ष स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बताया जिसके साथ सभी विभाग योजना बनाकर कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में उपस्थित व्यक्ति प्रदेश की जनता को रोग से बचाने हेतु अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि आप कार्यशाला से कई बातें सीखकर जायेंगे जिसका लाभ विभाग के माध्यम से जनता को उपलब्ध करायेंगे। सभी विभाग ओनरशिप लेकर अपने दायित्वों एवं कर्तत्यों को करेंगे तो निश्चित ही हमें सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष हमने अच्छा कार्य किया परन्तु अब हमें इससे भी आगे बढ़ना है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह कार्यशाला को संबोधित करते हुए
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह कार्यशाला को संबोधित करते हुए

कार्यशाला में बैठे लोगों की ओर इशारा करते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अभी तक यह धारणा थी कि डॉक्टर ही जान बचाते हैं लेकिन मेरा यह मानना है कि डॉक्टर के अलावा अन्य लोग भी जो चिकित्सीय प्रक्रिया में एक सहयोगी के रूप में लगे हुए हैं वह भी जान बचाते हैं और डॉक्टरों के साथ यदि ऐसे लोग भी अपना शत-प्रतिशत योगदान देते हुए हृदय से लग जाएं तो कार्यक्रम की सफलता को कोई भी नहीं रोक सकता।

कार्यक्रम में उपस्थित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह ने कहा कि सभी जनपदों में 12 विभागों के सहयोग से संचारी रोग नियंत्रण अभियान का सफल संचालन किया जाएगा हमारी जनता मुस्कुराती रहे, निरोगी रहे, उत्तर प्रदेश निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर रहे इसके लिए प्रदेश सरकार निरंतर कार्य कर रही है। संचारी रोगों की रोकथाम हेतु एक कार्ययोजना बनाई गई है। विभागों के सहयोग से कार्ययोजना के अनुसार कार्य कर हमें सफलता प्राप्त करनी है। प्रदेश निरंतर स्वास्थ्य के क्षेत्र में उन्नति कर रहा है हम सफलता के उत्कर्ष पर पहुंचेंगे।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह कार्यशाला को संबोधित करते हुए
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह कार्यशाला को संबोधित करते हुए

इस अवसर पर मलेरिया रोग नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं डॉ पद्माकर सिंह एवं डॉ. विकास गोस्वामी हेड सीएसआर गोदरेज और शरद मल्होत्रा डायरेक्टर एफ एच (फैमिली हेल्थ) इंडिया के मध्य एमओयू भी हस्ताक्षरित किया गया। यह दोनों संस्थाएं बरेली एवं बदायूं जनपद के सौ-सौ गांवों में बुखार के रोगियों की खोज और मलेरिया की जांच एवं इसके उपरांत रोगियों का संवेदीकरण कराने का कार्य करेंगी। रोग से बचने हेतु लोगों में जागरूकता लाने का कार्य भी करेंगी।

महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. पद्माकर सिंह एवं डॉ. विकास गोस्वामी हेड सीएसआर गोदरेज और शरद मल्होत्रा डायरेक्टर एफ एच (फैमिली हेल्थ) इंडिया के मध्य एमओयू भी हस्ताक्षरित करते हुए
महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. पद्माकर सिंह एवं डॉ. विकास गोस्वामी हेड सीएसआर गोदरेज और शरद मल्होत्रा डायरेक्टर एफ एच (फैमिली हेल्थ) इंडिया के मध्य एमओयू भी हस्ताक्षरित करते हुए

कार्यक्रम के दौरान स्वच्छता अभियान, जागरूकता अभियान, संचारी रोग नियंत्रण अभियान और जेई टीकाकरण अभियान पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि इन अभियानों ने इस रोग के नियंत्रण में बड़ी भूमिका निभाई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने डेंगू, मलेरिया चिकनगुनिया के संबंध में और अधिक जागरूकता अभियान चलाए जाने पर जोर दिया।

उद्घाटन अवसर पर सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वी. हेकाली झिमोमी, मिशन निदेशक एनएचएम, पंकज कुमार महानिदेशक-चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, डॉक्टर पद्माकर सिंह निदेशक संचारी रोग, डॉक्टर मिथिलेश चतुर्वेदी सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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