UPCM के नेतृत्व में राज्य सरकार U.P. को सांस्कृतिक गतिविधियों के केन्द्र के रुप में विकसित कर रही है : सचिव फिल्म बन्धु

उत्तर प्रदेश।
UPCM के नेतृत्व में राज्य सरकार उत्तर प्रदेश को सांस्कृतिक गतिविधियों के केन्द्र के रुप में विकसित कर रही है, जिसके अन्र्तगत फिल्म निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में फिल्म निर्माण करने पर राज्य सरकार द्वारा अनेक सहूलियतें दी जा रही हैं। यह विचार गोवा में नेशनल फिल्म डेवलपमेन्ट कारपोरेशन (एन.एफ.डी.सी.) द्वारा आयोजित फिल्म बाजार-2018 की नाॅलेज सिरीज में सचिव, फिल्म बन्धु तथा निदेशक सूचना शिशिर ने व्यक्त किये। UPCM के निर्देशानुसार प्रदेश की फिल्म नीति का प्रचार-प्रसार करने के लिए इस आयोजन में प्रतिभाग कर रहे सचिव फिल्म बन्धु ने देश-विदेश से आमंत्रित फिल्म निर्माताओं, निर्देशकों, लेखकों आदि को एक्टर और निर्माता संजय सूरी के साथ सम्बोधित किया।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की फिल्म नीति पर आधारित एक शाॅर्ट फिल्म प्रदर्शित की गयी, जिसकी पे्रक्षागृह में उपस्थित निर्माताओं, निर्देशकों आदि ने भूरि-भूरि प्रशंसा की। इस मौके पर सचिव, फिल्म बन्धु ने प्रयागराज कुम्भ-2019 में UPCM की ओर से फिल्म निर्माताओं, निर्देशकों आदि को आमंत्रित भी किया।

सचिव, फिल्म बन्धु ने अपने उद्बोधन में प्रदेश की फिल्म नीति की बारीकियों से परिचित कराया और फिल्म निर्माताओं की जिज्ञासाओं का विस्तार से समाधान भी किया। कार्यक्रम में उपस्थित फिल्म निर्माताओें को उत्तर प्रदेश में फिल्म निर्माण के लिए आमंत्रित करते हुए उन्होंने कहा कि यहां के लोग अच्छे हैं। फिल्म शूटिंग के लिए राज्य में अच्छी लोकेशन्स उपलब्ध हैं। पर्यटन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश में अनेक आकर्षक स्थल मौजूद हैं। प्राकृतिक सौन्दर्य से समृद्ध अनेक स्थान भी हमारे राज्य में हैं। यह सभी पर्यटकों और फिल्म मेकर्स को आकर्षित करते हैं। इसलिए ‘जिसने यू.पी. नहीं देखा उसने इण्डिया नहीं देखा’। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी इसी तरह के फिल्म बाजार और अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के आयोजन पर विचार किया जाएगा।

फिल्म नीति के प्राविधानों की जानकारी देते हुए सचिव, फिल्म बन्धु ने बताया कि प्रदेश में निर्मित की जाने वाली फिल्मों के लिए अधिकतम 3 करोड़ 25 लाख रुपये तक फिल्म सब्सिडी दी जा रही है। फिल्म में उत्तर प्रदेश के कलाकारों को अवसर देने पर 50 लाख रुपए तक की सब्सिडी का प्राविधान है। प्रदेश में फिल्म ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना करने पर भी 50 लाख रुपए तक के अनुदान की व्यवस्था है। फिल्म-अनुदान के सम्बन्ध में आॅनलाइन आवेदन की सुविधा प्रदान की जा रही है। फिल्म से सम्बन्धित समस्त औपचारिकताएं/सुविधाएं एक ही स्थान से उपलब्घ कराने हेतु शीघ्र ही सिंगल विण्डो सिस्टम लागू किया जायेगा। फिल्म निर्माताओं को शूटिंग आदि की सुविधा के लिए जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में फिल्म फैसिलिटेशन कमेटी गठित की गयी है।

सचिव, फिल्म बन्धु ने यह भी बताया कि अब तक 330 फिल्मों के प्रस्ताव अनुदान हेतु प्राप्त हो चुके हैं। इसमें से 172 फिल्मों की औपचारिकताएं पूरी होने पर स्क्रिप्ट की संस्तुति की जा चुकी है। अब तक प्रदेश सरकार द्वारा 57 फिल्मों के निर्माताओं को अनुदान दिया जा चुका है। 11 फिल्मों को शीघ्र अनुदान दिया जायेगा और लगभग 20 फिल्मों को अनुदान दिये जाने की कार्यवाही चल रही है। कतिपय निर्माताओं द्वारा फिल्म नीति में संशोधन करने के सुझाव दिये गये, जिन पर सचिव फिल्म बन्धु ने शीध्र ही निर्णय लिये जाने का आश्वासन दिया।

कार्यक्रम के अन्त में सचिव, फिल्म बन्धु ने फिल्म बाजार-2018 के आयोजक एन.एफ.डी.सी. और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के समस्त अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए फिल्म बाजार की सफलता की कामना की।

फिल्म बाजार में सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता विशाल भारद्वाज, रमेश सिप्पी, संजय भूटियानी, लेखक धीरज मिश्र आदि मौजूद रहे।

ज्ञातव्य है कि गोवा में 21 से 24 नवम्बर, 2018 तक आयोजित किए जा रहे इस फिल्म बाजार में फिल्म बन्धु, उत्तर प्रदेश द्वारा स्टाॅल स्थापित किया गया है। राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं, निर्देशकों, डिस्ट्रीब्यूटरों, लेखकों आदि ने इसमें आकर प्रदेश की फिल्म नीति की जानकारी ली। फिल्म निर्माताओं द्वारा उत्तर प्रदेश फिल्म नीति की सराहना भी की गयी।

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