UPCM डाॅ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में शामिल हुए

उत्तर प्रदेश।
UPCM और राज्यपाल ने डाॅ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में आयोजित चतुर्थ दीक्षान्त समारोह का शुभारम्भ दीप-प्रज्ज्वलित करके किया। राज्यपाल ने कहा कि वे विश्वविद्यालय के चार दीक्षान्त समारोह में सम्मिलित हुए हैं। विश्वविद्यालय ने इस अवधि में प्रशंसनीय प्रगति की है। दीक्षान्त समारोह में कुल 829 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गयीं। इनमें से सर्वाेच्च स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को राज्यपाल राम नाईक और UPCM द्वारा 39 स्वर्ण, 32 रजत, 32 कांस्य कुल 103 पदक प्रदान किये गये।

UPCM और राज्यपाल द्वारा सर्वाेच्च स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पदक प्रदान करते हुए
UPCM और राज्यपाल द्वारा सर्वाेच्च स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पदक प्रदान करते हुए

राज्यपाल ने कहा कि विगत एक वर्ष में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के विकास हेतु अनेक बड़े कदम उठाये गये हैं। इनमें यू.पी. इन्वेस्टर्स समिट-2018 का आयोजन सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। इस आयोजन के माध्यम से राज्य सरकार ने विभिन्न उद्यमी संस्थाओं के साथ प्रदेश में 4 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक निवेश के करार किये हैं, जिससे राज्य में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।

UPCM ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा मनुष्य ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है। इसके साथ भेदभाव सृष्टि के साथ अन्याय है। अपनी मेधा, प्रतिभा, लगन, परिश्रम से विशिष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाली दिव्यांग विभूतियों ऋषि अष्टावक्र, सन्त सूरदास, वैज्ञानिक स्टीफन हाकिंग, एवरेस्ट विजेता अरुणिमा सिन्हा, आई.ए.एस. अधिकारी सुहास एल.वाई. आदि का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिभा हर मनुष्य में होती है। यह किसी व्यक्ति, जाति की मोहताज नहीं है। प्रतिभा को मंच की आवश्यकता होती है। डाॅ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय यही मंच देने का कार्य कर रहा है।

UPCM समारोह को सम्बोधित करते हुए
UPCM समारोह को सम्बोधित करते हुए

UPCM ने कहा कि जीवन एक कला है। धैर्य के साथ अपनी ऊर्जा और प्रतिभा को समुचित ढंग से प्रयोग करने वाले के लिए कुछ भी कठिन नहीं है। जीवन में कुछ विशिष्ट करने के लिए सकारात्मक नजरिये की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और प्रदेश सरकार दिव्यांगजन के कल्याण के लिए सतत कार्यरत है। इस उद्देश्य से अनेक कदम उठाये गये हैं। प्रधानमंत्री स्वयं इन कार्याें की माॅनीटरिंग करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार डाॅ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में अध्ययनरत दिव्यांगजन के कल्याण, प्रोत्साहन और स्वावलम्बन के लिए हर सम्भव प्रयास करेगी।

UPCM डाॅ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में शामिल हुए
UPCM डाॅ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में शामिल हुए

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रख्यात सामाजिक कार्यकत्री पद्मश्री डाॅ. उमा तुली ने अपने सम्बोधन में कहा कि शिक्षा ऐसा यंत्र है, जिससे लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। प्रदेश सरकार द्वारा डाॅ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के माध्यम से दिव्यांगजन की शिक्षा के लिए की गयी पहल को अनूठा बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा ही प्रयास अन्य राज्य सरकारों द्वारा भी किया जाना चाहिए।

समारोह को सम्बोधित करते हुए दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि डाॅ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय पूरी दुनिया में समावेशी शिक्षा को मूर्तरूप देने वाला अनूठा विश्वविद्यालय है। यहां पर दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए बाधारहित परिसर की व्यवस्था अत्यन्त सराहनीय है। उन्होंने उपाधि एवं पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

समारोह के प्रारम्भ में अपने स्वागत भाषण में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रवीर कुमार ने कहा कि डाॅ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 2008 में दिव्यांगजन को अनुकूल वातावरण में शिक्षा प्रदान करने के लिए की गयी थी। वर्तमान में विश्वविद्यालय में 8 संकाय, 29 विभाग कार्यरत हैं, जिनमें लगभग 5,000 विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। विश्वविद्यालय में दिव्यांग और सामान्य विद्यार्थियों को एक साथ समेकित रूप से शिक्षा दी जाती है। दिव्यांग विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा, छात्रावास एवं भोजन की व्यवस्था उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही विश्वविद्यालय में ब्रेल प्रेस प्रारम्भ हो जाएगा। विश्वविद्यालय के स्टेडियम का कार्य भी तेजी से चल रहा है।

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