UPCM ने कहा शुद्ध पेयजल पाने सभी का अधिकार है……

उत्तर प्रदेश।
UPCM ने कहा कि शुद्ध पेयजल पाने सभी का अधिकार है। राज्य में प्रचुर मात्रा में सरफेस वाटर की उपलब्धता है। इसका समुचित उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने बुन्देलखण्ड क्षेत्र, आर्सेनिक और फ्लोराइड आदि रसायनों से प्रभावित क्षेत्रों और ऐसे इलाकों जहां पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं है, में पेयजल मुहैया कराए जाने के लिए सर्वे कराकर कार्य योजना बनाए जाने निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि यह सर्वे सक्षम कन्सल्टेण्ट के माध्यम से कराया जाए।

UPCM शास्त्री भवन में प्रदेश में पेयजल आपूर्ति के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतिकरण में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में जल के खारे अथवा हानिकारक रसायनों से प्रभावित होने के कारण वहां के निवासियों द्वारा पेयजल खरीद कर उपयोग किया जा रहा है। ऐसे इलाकों में पेयजल की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गुजरात एवं बिहार राज्यों में पेयजल आपूर्ति के क्षेत्र में बेहतर कार्य हुआ है। अधिकारी इन राज्यों की पेयजल आपूर्ति व्यवस्था का निरीक्षण कर इसके उपयोगी पक्षों को प्रदेश में अपनाएं।

UPCM ने कहा कि प्रदेश में जल निगम के पास कार्य की अधिकता के कारण पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की स्थापना के लिए अन्य उचित विकल्पों पर भी विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि पेयजल आपूर्ति के लिए व्यापक सर्वेक्षण के पश्चात शीघ्र कार्य योजना बनायी जाए। इसमें पहले चरण में बुन्देलखण्ड, दूसरे चरण में आर्सेनिक व फ्लोराइड से प्रभावित क्षेत्रों तथा तीसरे चरण में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था से वंचित प्रदेश के शेष क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जाए।

इससे पूर्व, UPCM के समक्ष जल निगम एवं ए.डी.बी. द्वारा प्रदेश में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण दिया गया।

इस अवसर पर नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) महेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव राजीव कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस.पी. गोयल, जल निगम के अध्यक्ष जी. पटनायक, प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज सिंह, जल निगम के प्रबन्ध निदेशक राजेश मित्तल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे

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