UPCM ने कुम्भ 2019 प्रयाग के कार्यों की तैयारियों की समीक्षा बैठक की

उत्तर प्रदेश।
UPCM ने इलाहाबाद सर्किट हाउस के सभागार में कुम्भ 2019 के आयोजन की तैयारियों की समीक्षा बैठक की। इस समीक्षा बैठक में कुम्भ से सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे। UPCM ने कार्यों की समीक्षा पावर प्रेजेन्टेशन के माध्यम से की। बैठक में बताया गया कि कुम्भ आयोजन के लिए 2000 करोड रुपये प्राविधानित कर 500 करोड़ रुपये विभागों को जारी कर दिये गये हैं। विभागों के द्वारा 220 से अधिक परियोजनायें क्रियान्वित की जा रही हैं। कार्यो की गुणवत्ता एवं पारदर्शिता के लिए थर्ड पार्टी निरीक्षण की व्यवस्था की गयी है। सुगम यातायात के लिए पार्किंग स्थलों का विकास किया गया है। कुम्भ मेला में एलईडी लाइटों का उपयोग किया जायेगा। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, डिपो के सुद्ढ़ीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है।

UPCM ने समीक्षा के दौरान कहा कि कुम्भ के आयोजन को दिव्य एवं भव्य बनाया जाये। उन्होने कहा कि पर्यटक, तीर्थयात्री और श्रद्धालु को अतिथि के रूप मे देखा जाय तथा उसी तरह व्यवहार उनके साथ किया जाये। उन्होंने कहा कि प्रशासन के साथ प्रयागवासियों को भी तीर्थयात्रियों की सेवा का अवसर दिया जाये। साधु, संतो और अखाड़ों की समस्याओं को निरन्तर संवाद स्थापित कर दूर किया जाय।

UPCM ने कहा कि कुम्भ आयोजन मे आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखा जाये। किसी भी साधु या अतिथि से दुर्व्यवहार न किया जाये। कुम्भ की ब्राण्डिंग अभी से प्रारंभ कर दी जाये तथा रेलवे एवं बसों में कुम्भ के आकर्षक लोगो को लगाया जाये। उन्होंने कहा कि आगामी 10 जनवरी से 04 मार्च के बीच देश के विभिन्न क्षेत्रों से सांस्कृतिक दलों को बुलाया जाये तथा पूरे कुम्भ क्षेत्र में उनका परफाॅर्मेंस कराया जाये। वायु, जल एवं स्थल तीनों मार्गों से आने वाले लोगों की सुरक्षा और उनकी सुविधाओं का ध्यान रखा जाये। उन्होंने कहा कि कुम्भ के कार्यों को तीव्र गति से एवं तप्तरता से किया जाये। कार्यों में धन की समस्या आड़े नहीं आने दी जाएगी।

UPCM ने कहा कि कुम्भ के पौराणिक महत्व के साथ वैज्ञानिक महत्व के बारे में भी लोगों को बताया जाये। कुम्भ में हर वर्ग के लोग बिना किसी भेदभाव के आते हैं। इसे राष्ट्रीय पर्व के रूप मे आयोजित किया जाये तथा इसी पर्व के अनुरूप ही कार्यों को किया जाये। उन्होंने कहा कि कुम्भ कार्यो की समीक्षा प्रभारी मंत्री के द्वारा की जायेगी। उन्होंने कहा कि कुम्भ के कार्यों को माघ मेले में रिहर्सल के रूप मे किया गया था। उन्हें कुम्भ मेले के आयोजन के समय पूरे मेला क्षेत्र में लागू किया जाये।

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