UPCM ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलों के DM से ‘स्वच्छ भारत मिशन’ की हकीकत जानी

उत्तर प्रदेश।
UPCM ने आज वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वच्छ भारत मिशन के तहत विभिन्न जनपदों में निर्मित होने वाले शौचालयों के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा की। समीक्षा में ऐसे जनपदों को शामिल किया गया, जिनमें शौचालय निर्माण कार्य की प्रगति धीमी थी। इनमें आजमगढ़, सुल्तानपुर, सीतापुर, फैजाबाद, बाराबंकी, बस्ती, महाराजगंज, चित्रकूट, बलिया, मऊ, गोण्डा, हरदोई, चंदौली, इलाहाबाद, लखीमपुर खीरी, बलरामपुर, बहराइच, फतेहपुर, देवरिया, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, संतकबीरनगर, श्रावस्ती, सोनभद्र और गोरखपुर जनपद शामिल थे।

UPCM ने सभी जनपदों के जिलाधिकारियों से उनके जिलों में शौचालय निर्माण कार्य की प्रगति की सीधे जानकारी ली और इस कार्य में तेजी लाते हुए गुणवत्तापरक ढंग से समयबद्धता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आकांक्षा के अनुरूप उत्तर प्रदेश में हर हाल में अक्टूबर, 2018 तक खुले में शौचमुक्त (ODF) बनाना है।

UPCM ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान का सीधा सम्बन्ध स्वस्थ भारत अभियान से है। उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश के JE/AES से प्रभावित जनपदों का जिक्र करते हुए कहा कि इस बीमारी से प्रभावित जनपदों में शौचालय निर्माण कार्य तक विशेष ध्यान देते हुए इसमें तेजी लाने की आवश्यकता है क्योंकि ये बीमारियां खुले में शौच करने से सीधे सम्बन्धित हैं। उन्होंने कहा कि शौचालय निर्माण कार्य में तेजी लायी जाए। साथ ही, लोगों को घरों में शौचालय निर्माण के लिए प्रेरित भी किया जाए। उनकी सहभागिता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में धन की कमी आड़े नहीं आएगी। भारत सरकार इसके लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराएगी।

UPCM ने कहा कि शौचालय निर्माण में तेजी लाने के लिए उपलब्ध स्रोतों का भलीभांति प्रयोग किया जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जनपदों में शौचालय निर्माण कार्य की प्रगति की प्रतिदिन आधे घण्टे समीक्षा करने के भी निर्देश देते हुए कहा कि मुख्य सचिव हर जनपद में इस कार्य की प्रगति की समीक्षा सप्ताह में एक दिन करेंगे। उन्होंने कहा कि इसकी रिपोर्ट उनके कार्यालय को भी उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों से अपने जनपद के प्रत्येक ब्लाॅक से शौचालय निर्माण की प्रगति रिपोर्ट प्रतिदिन लेने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ODF ग्रामों का सत्यापन अधिकृत समिति से करवाया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाए। उन्होंने शौचालय निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए ग्राम्य विकास और पंचायती राज विभाग के बीच अच्छा तालमेल स्थापित करने के लिए भी कहा।

UPCM ने कहा कि कई जनपदों से शौचालय निर्माण के लाभार्थियों से धनादोहन की शिकायतें मिली हैं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि शौचालय निर्माण के लिए निर्धारित धनराशि सीधे लाभार्थी के खाते में पहुंचायी जाए, न कि ग्राम प्रधान के खाते में। उन्होंने लोगों को अपने संसाधनों से शौचालय निर्माण के लिए प्रेरित करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने पूरे प्रदेश में शौचालय निर्माण कार्य को युद्धस्तर पर चलाने के लिए कहा। साथ ही, शौचालयों का नाम ‘इज्जत घर’ रखने के भी निर्देश दिये। उन्होंने इनकी जियो टैगिंग के भी निर्देश दिये।

UPCM ने कहा कि गंगा जी प्रदेश के 25 जनपदों से होकर निकलती हैं। इसके किनारे बसे गांवों को ODF किया जा चुका है। अब उन्हें ODF प्लस करना है। उन्होंने कहा कि हर हाल में यह सुनिश्चित किया जाए कि गंगा जी में किसी भी प्रकार की गंदगी न पहुंचायी जाए। उन्होंने गंगा जी के किनारे व्यापक वृक्षारोपण के भी निर्देश दिये। उन्होंने इस कार्य को अभियान स्वरूप चलाने के लिए कहा।

UPCM ने कहा कि 13 मार्च से 10 अप्रैल, 2018 तक संचालित किये जा रहे विशेष अभियान ‘सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह’ के तहत निर्धारित लक्ष्यों की हर हाल में पूर्ति की जाए। उन्होंने प्रत्येक ग्राम में प्रशिक्षित स्वच्छाग्रही की तैनाती करते हुए उनके मनोबल को बनाये रखने के लिए नियमित भुगतान करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अपेक्षित एवं गुणवत्तापूर्ण शौचालय निर्माण हेतु पर्याप्त प्रशिक्षित राजमिस्त्रियों की तैनाती की जाए। उन्होंने खण्ड विकास अधिकारियों को विकास खण्डों में किये जाने वाले समस्त कार्याें के लिए उत्तरदायी बनाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत कार्यरत कर्मियों को मानदेय का नियमित भुगतान करने के भी निर्देश दिये।

38 जनपदों में अप्रैल से टीकाकरण अभियान चलेगा
UPCM ने JE और AES के विषय में कहा कि प्रदेश के 38 जनपदों को इन बीमारियों के प्रति संवेदनशील माना गया है। इनमें 2 अप्रैल से 16 अप्रैल, 2018 तक टीकाकरण अभियान चलेगा। इसे हर हाल में सफल बनाया जाए। उन्होंने कहा कि इन 38 जनपदों सहित प्रदेश के सभी जनपदों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। सभी जनपदों के CHC , PHC और अस्पतालों  में जे.ई. तथा ए.ई.एस. से निपटने की तैयारी की जाए और इनके लिए व्यापक जन जागरूकता अभियान भी चलाया जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि इन बीमारियों से प्रभावित 38 जनपदों में से प्रत्येक जनपद अपने यहां इनसे निपटने के लिए किये जा रहे प्रयासों/कार्यक्रम की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराये। उन्होंने कहा कि 2 अप्रैल से 16 अप्रैल, 2018 तक चलने वाले टीकाकरण अभियान में सभी जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए।

UPCM ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान ऐण्टी भू-माफिया टास्क फोर्स के गठन का जिक्र करते हुए कहा कि इसके तहत दलितों, वंचितों और गरीबों के उत्पीड़न की शिकायतें विभिन्न जनपदों से मिल रही हैं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वे यह सुनिश्चित करें कि इस एण्टी भू-माफिया टास्क फोर्स के माध्यम से गरीबों, दलितों, वंचितों का उत्पीड़न न किया जाए। साथ ही, यदि वे सरकारी भूमि पर अपनी झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं, तो या तो उन्हें वह भूमि आवंटित कर दी जाए या उन्हें दूसरी भूमि उपलब्ध कराकर ही हटाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने मिट्टी को राॅयल्टी फ्री कर दिया है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वे यह सुनिश्चित करें कि मिट्टी ले जाने पर ग्रामीणों, किसानों इत्यादि का उत्पीड़न पुलिस, लेखपाल इत्यादि किसी हाल में न करें अन्यथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने गिट्टी, मौरंग इत्यादि के खनन के विषय में कहा कि इनका खनन पट्टे वाले स्थान से ही किया जाए। साथ ही, मूल्य नियंत्रण भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि बरसात के समय में खनन 3 माह के लिए रोक दिया जाएगा। ऐसे में इन खनिजों का भण्डारण पर्याप्त मात्रा में कर लिया जाए।

‘स्कूल चलो अभियान’ को सफल बनाने के निर्देश
UPCM ने सभी जिलाधिकारियों को ‘स्कूल चलो अभियान’ को सफल बनाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि 2 अप्रैल से 30 अप्रैल, 2018 तक यह अभियान पूरे प्रदेश में संचालित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से सभी सांसदों, विधायकों, जिला पंचायत अध्यक्षों, महापौर, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत, ब्लाॅक प्रमुखों तथा ग्राम प्रधानों से इस अभियान में पूर्ण सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि यह अभियान घर-घर जाकर अभिभावकों को जागरूक करने, उन्हें शिक्षा के महत्व से परिचित कराने, शत-प्रतिशत बालक-बालिकाओं का नामांकन कराने एवं उन्हें नियमित रूप से विद्यालय भेजने हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से यह अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत शैक्षित सत्र 2018-19 में 6 से 14 वर्ष के शत-प्रतिशत बच्चों का विद्यालयों में नामांकन कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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