UPCM ने गोरखपुर में D.D.U के मुख्य द्वार पर 100 फीट ऊँचे राष्ट्रीय ध्वज का लोकार्पण और ध्वजारोहण किया

उत्तर प्रदेश (गोरखपुर)।
UPCM ने जनपद गोरखपुर में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर 100 फीट ऊँचे राष्ट्रीय ध्वज का लोकार्पण और ध्वजारोहण किया। उन्होंने कहा कि तिरंगा भारत की आन, बान, शान का प्रतीक है। राष्ट्रीय ध्वज की स्थापना के लिए उन्होंने विश्वविद्यालय और J.C.I मिड टाउन को बधाई दी।

UPCM D.D.U के मुख्य द्वार पर 100 फीट ऊँचे राष्ट्रीय ध्वज का लोकार्पण और ध्वजारोहण करते हुए
UPCM D.D.U के मुख्य द्वार पर 100 फीट ऊँचे राष्ट्रीय ध्वज का लोकार्पण और ध्वजारोहण करते हुए

UPCM ने कहा कि गोरखपुर जनपद एक नई दिशा की ओर अग्रसर है। यहां एम्स की स्थापना, फर्टीलाइजर, रामगढ़ताल का सौन्दर्यीकरण, मेट्रो से जुड़ने के साथ विश्वविद्यालय में 100 फीट ऊँचे तिरंगे की स्थापना एक नई कड़ी का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा गुणवत्तायुक्त, सदाचार के साथ संस्कारों से जुड़ाव के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही, शिक्षा राष्ट्रीयता से जुड़े यह अति महत्वपूर्ण है। उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा प्रदेश है। यह प्रकृति व परमात्मा की असीम कृपा वाला राज्य है। उत्तर प्रदेश भगवान बुद्ध और संत कबीर की धरती है। यह प्रदेश क्रांतिकारियों की भूमि है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने में जन सहयोग आवश्यक है।

UPCM का गोरखपुर D.D.U में आयोजित कार्यक्रम में स्वागत करते हुए
UPCM का गोरखपुर D.D.U में आयोजित कार्यक्रम में स्वागत करते हुए

UPCM ने कहा कि शासन की योजनाओं के शत-प्रतिशत क्रियान्वयन में जन सहभागिता परम आवश्यक है। शहर को सुन्दर, स्वच्छ बनाने में सभी को सहयोग करना होगा, तभी देश-प्रदेश O.D.F घोषित होगा। उन्होंने इस अभियान में सभी जनपदवासियों को जुड़कर इसे सफल बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता स्वास्थ्य एवं समृद्धि का कारण होता है। समस्त जन इसका हिस्सा बनें। गोरखपुर स्वच्छ सुन्दर जनपद/महानगर के रूप में पहचाना जाए।

UPCM गोरखपुर D.D.U में आयोजित कार्यक्रम में सभा को संबोधित करते हुए
UPCM गोरखपुर D.D.U में आयोजित कार्यक्रम में सभा को संबोधित करते हुए

UPCM ने कहा कि 21 जून अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में दुनिया के 192 देशों में मनाया जाएगा। योग से व्यक्ति निरोग एवं स्वस्थ रहता है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को इसका हिस्सा बनना चाहिए।

कार्यक्रम में आए अतिथियों का स्वागत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजयकृष्ण सिंह द्वारा और संचालन प्रो. रविशंकर सिंह द्वारा किया गया।

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