UPCM ने लोक भवन में उच्च शिक्षा विभाग के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया

लखनऊ (06 जून, 2019)
UPCM ने लोक भवन में उच्च शिक्षा विभाग के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालय अधिनियम बनाने में नियमों व प्रक्रिया का पूर्णतया सरलीकरण किया जाए। निजी विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सम्बन्धी मानक व राज्य सरकार की नीति सम्बन्धी निर्णय पूरी तरह से लागू हो।

प्रस्तुतिकरण के दौरान UPCM को बताया गया कि विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रस्ताव के परीक्षण/निरीक्षण के लिए 06 सदस्यीय समिति का प्राविधान किया गया है। इसमें राज्य विश्वविद्यालय के एक कुलपति, राज्य सरकार द्वारा नामित किसी विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर, शासन के संयुक्त सचिव से अनिम्न स्तर के एक अधिकारी, वित्त एवं लेखा सेवा के एक संयुक्त निदेशक, सम्बन्धित जिलाधिकारी द्वारा नामित एक उपजिलाधिकारी और राज्य विश्वविद्यालय के एक कुलसचिव शामिल होंगे।

UPCM ने प्रस्तुतिकरण के दौरान कहा कि सभी निजी विश्वविद्यालयों को ‘काॅमन एकेडमिक कैलेण्डर’ का अनुसरण करना होगा। उन्होंने कहा कि यह निजी विश्वविद्यालय प्रवेश और फीस निर्धारण की प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ अपनाएं साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा इसे पब्लिक डोमेन में भी डाला जाए।

प्रस्तुतिकरण के दौरान UPCM को बताया गया कि जनपद सहारनपुर एवं आजमगढ़ में नये राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। लखनऊ विश्वविद्यालय में अटल सुशासन पीठ की स्थापना की जा रही है। UPCM को यह भी बताया गया कि छात्र-छात्राओं को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने और उन्हें रोजगार प्रबन्धन के लिए प्रशिक्षित किए जाने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय में महात्मा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय रोजगार अध्ययन पीठ की स्थापना किए जाने का निर्णय लिया गया है। UPCM को यह भी बताया गया कि 26 माॅडल राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

UPCM ने कहा कि यह निजी विश्वविद्यालय कुलाधिपति/अध्यक्ष या विजिटर पदनाम लेने के लिए स्वतंत्र होंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सहायता प्राप्त अशासकीय और स्ववित्तपोषित महाविद्यालय 05 वर्ष में एक बार नैक से मूल्यांकन अवश्य सुनिश्चित कराएं।

UPCM ने कहा कि आने वाले दिनों में बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए एक ही शिक्षा आयोग बनाया जाए। इसी प्रकार बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के अपीलीय विवादों को निपटाने के लिए एक प्राधिकरण गठित किया जाए।

प्रस्तुतिकरण के दौरान UP_Dy_CM डाॅ. दिनेश शर्मा, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह, मुख्य सचिव डाॅ. अनूप चन्द्र पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा आर.के. तिवारी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस.पी. गोयल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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