UPCM ने बुन्देलखण्ड व विन्ध्य क्षेत्र और गुणता प्रभावित ग्रामों की पाइप पेयजल परियोजना की प्रगति की समीक्षा की

लखनऊ (05 अगस्त, 2019)।
UPCM योगी आदित्यनाथ ने आज लोक भवन में बुन्देलखण्ड व विन्ध्य क्षेत्र और गुणता प्रभावित ग्रामों की पाइप पेयजल परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। पाइप पेयजल योजनाओं द्वारा इन क्षेत्रों की सभी ग्रामीण बस्तियों में शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

UPCM ने बुन्देलखण्ड व विन्ध्य क्षेत्र और गुणता प्रभावित ग्रामों की पाइप पेयजल परियोजना की प्रगति की समीक्षा की

UPCM ने कहा कि पाइप पेयजल परियोजना के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान अधिकारियों के स्तर पर पत्राचार के स्थान पर वार्ता करके किया जाए, ताकि कार्य में विलम्ब न हो। मुख्य सचिव के निर्देशन में वित्त विभाग, मुख्यमंत्री कार्यालय और ग्राम्य विकास विभाग समन्वय बनाकर इस परियोजना को शीघ्रता से क्रियान्वित करें।

मुख्यमंत्री ने बुन्देलखण्ड व विन्ध्य क्षेत्र की पाइप पेयजल परियोजना के सम्बन्ध में व्यापक कार्य योजना बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। परियोजना की टाइमलाइन तय करते हुए कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि जनहित से जुड़ी इस परियोजना में किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।



मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रावलियों को किसी भी दशा में 03 दिन से अधिक न रोका जाए। ऐसी स्थिति में सम्बन्धित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। यदि पत्रावली के निस्तारण में विलम्ब होता है, तो उसका स्पष्ट कारण बताया जाए। पत्रावलियों में बार-बार क्वेरी न लगाकर एक ही बार में सभी शंकाओं का समाधान किए जाने की प्रवृत्ति अपनायी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार की योजनाओं के सम्बन्ध में विभागीय प्रस्तावों की सूची मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध करा दी जाए। प्रत्येक विभाग अपनी कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचनाएं उपलब्ध कराए। उन्होंने योजनाओं के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में प्रक्रियाओं का सरलीकरण किए जाने के निर्देश दिए।



बैठक के दौरान प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास अनुराग श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि इस परियोजना के सम्बन्ध में विभिन्न ग्रामों में पेयजल की उपलब्धता एवं अनाच्छादित ग्रामों का सर्वेक्षण, जनपद में भूजल स्तर, जल स्रोतों का चिन्हीकरण, उपलब्ध जल स्रोतों का विवरण एवं स्राव और निरन्तरता (भूजल स्तर) सम्बन्धी विवरण का अध्ययन किया जा चुका है। इस्टीमेट तैयार करने के लिए 04 संस्थाओं का चयन किया गया है।

इस अवसर पर ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. महेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव डाॅ. अनूप चन्द्र पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव कुमार मित्तल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस.पी. गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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