UPCM ने उ.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित किया

लखनऊ (04 फरवरी, 2019)
UPCM ने कहा कि विद्युत ऊर्जा से चलने वाले वाहन आज की आवश्यकता है, क्योंकि इससे प्रदूषण पर भी प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा सकता है। वर्तमान में प्रदूषण सम्पूर्ण विश्व की एक प्रमुख समस्या है। इसके दृष्टिगत सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा जैसे गैर परम्परागत स्रोतों से विद्युत उत्पादन में वृद्धि को प्राथमिकता दिये जाने की जरूरत है।

UPCM ने उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा आयोजित ‘टेक्नोस्फीयर ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, पावर डिमाण्ड इस्टीमेशन और प्राइसिंग इश्यूज’ विषयक संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि भारत जैसे विकासशील देश के लिए विद्युत चालित वाहन आज की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इससे देश द्वारा तेल के आयात पर खर्च किए जाने वाले लगभग 07 लाख करोड़ रुपये की बचत की जा सकती है, जो देश की बेहतर अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी है। इस अवसर पर UPCM ने संगोष्ठी पर केन्द्रित एक पुस्तक का विमोचन भी किया।

UPCM ने कहा कि विद्युत चालित वाहनों को प्रोत्साहन न सिर्फ परम्परागत स्रोतों पर हमारी अतिनिर्भरता को कम करेगा, वहीं हम अगली पीढ़ी को काफी हद तक प्रदूषण मुक्त परिवेश प्रदान करने में समर्थ होंगे। इसके लिए विद्युत चालित वाहनों पर जनसामान्य का भरोसा कायम करने के लिए बैटरियों के मूल्य में कमी के साथ ही, चार्जिंग, बैटरी बदलने की व्यवस्था आदि को मजबूत आधार देने की आवश्यकता है। वर्तमान केन्द्र सरकार ने गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए उल्लेखनीय प्रयास किया है। सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा से उत्पादित हो रही बिजली की लागत, परम्परागत स्रोतों से पैदा होने वाली बिजली के समतुल्य या कम हो। इसके लिए केन्द्र सरकार की नीतियों के तहत प्रतिस्पर्धात्मक निविदा के माध्यम से अब सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा की दर 2.50 रुपए से 2.75 रुपए प्रति यूनिट के मध्य आ गई है। केन्द्र सरकार के यह प्रयास मानवता एवं विकास का चेहरा बदलने की शक्ति रखते हैं।

UPCM ने कहा कि केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘सौभाग्य’ योजना के माध्यम से राज्य सरकार ने वर्ष 2019 के आरम्भ तक प्रदेश में करीब 01 करोड़ घरों को संयोजन प्रदान करके उनके घरों में बिजली का प्रकाश पहुंचाया है। वर्तमान राज्य सरकार ने विकास की अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को विद्युत संयोजन सुलभ कराकर विकास की मुख्य धारा में शामिल किया है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों में बिना भेदभाव के समान रूप से बिजली आपूर्ति की व्यवस्था लागू की गई है। इसके तहत सभी जनपद मुख्यालयों को 24 घण्टे, तहसील मुख्यालयों को 20 घण्टे और ग्रामीण इलाकों में 18 घण्टे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में लाइन लाॅस 10 प्रतिशत से नीचे होगा वहां 24 घण्टे बिजली की आपूर्ति की जाएगी।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि विद्युत ऊर्जा से चलने वाले वाहन आज की मांग हैं। उन्होंने कहा कि इससे वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी, जिससे हम आने वाली पीढ़ी को बेहतर वातावरण दे सकेंगे।

उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष राज प्रताप सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि विद्युत ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विद्युत ग्रिड की क्षमता को बढ़ाना होगा।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार, प्रबन्ध निदेशक टाटा पावर प्रवीर सिन्हा, सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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